EarthQuake: दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप इतना जोरदार था कि काफी देर तक लोगों ने इसके झटके को महसूस किया है। जम्मू-कश्मीर में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। कश्मीर के पुंछ में भी झटके महसूस किए गए हैं। दिल्ली से सटे नोएडा में भी झटकों के कारण लोग घरों के बाहर आ गए। गौरतलब है कि हाल के दिनों में दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके लगातार आ रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर सिस्मिक जोन 4 में है। जो भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है। रिक्टर स्केल की भूकंप की तीव्रता 6.3 थी। अफगानिस्तान के फैजाबाद में भूकंप का केंद्र था।
EarthQuake: नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर आया था। भूकंप के झटके उत्तर भारत में महसूस किए गए हैं। जैसे ही भूकंप आया तो लोग अपने घरों और दफ्तर से बाहर निकल आए। फिलहाल किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
#WATCH अफगानिस्तान में रिक्टर पैमाने पर 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। उत्तर भारत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
(वीडियो जम्मू-कश्मीर के पूंछ से है) pic.twitter.com/fbsN0NkeQG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 11, 2024
EarthQuake: पाकिस्तान में भी महसूस किए गए तेज झटके
EarthQuake: भूकंप के ये झटके केवल भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी महसूस किए गए है। यहां से कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें लोगों अपने घरों और दफ्तरों से बाहर भागते हुए नजर आ रहे हैं। पाकिस्तान की जियो न्यूज के अनुसार लाहौर, इस्लामाबाद और खैबर पख्तूनख्वा शहरों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
एक्सपर्ट बोले दिल्ली एनसीआर में कभी भी आ सकता है बड़ा भूकंप
EarthQuake: आपको बता दें कि एक्सपर्ट दिल्ली-एनसीआर के भूकंप को लेकर पहले ही चेतावनी जारी कर चुके हैं। जिनका कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है। हालांकि, ये कब आएगा इसकी पुष्टि अभी नहीं की गई है।
कैसे आता है भूकंप?
EarthQuake: दरअसल, पृथ्वी की चार प्रमुख परतें हैं, जिसे इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट कहते हैं। जानकारी के अनुसार, पृथ्वी के नीचे मौजूद प्लेट्स घूमती रहती हैं। जिसके आपस में टकराने पर पृथ्वी की सतह के नीचे कंपन शुरू होता है। जब ये प्लेट्स अपनी जगह से खिसकती हैं तो भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।
EarthQuake: आपको बता दे कि भूकंप आने की असल वजह टेक्टोनिकल प्लेट में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का के प्रभाव, ज्वालामुखी में विस्फोट या फिर माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग के कारण भी भूकंप महसूस किया जा सकता है।
Written By- Vineet Attri.
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