EVM Hack: एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय ने ईवीएम पर फिर जताई चिंता,चुनाव आयोग पर भी उठाए सवाल

EVM Hack

EVM Hack: मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम एवं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर इवीएम की गड़बड़ी की आशंका व्यक्त करते हुए चुनाव आयोग को भी कटघरे में खड़ा कर दिया। दिग्विजय ने कहा है कि हम बेलेट पेपर से चुनाव कराना चाहते हैं, भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी भी अविश्वास जता चुके हैं। दिग्विजय सिंह ने डेमो करके इवीएम मशीन हैक करके भी दिखाई।

EVM Hack: मध्यप्रदेश में इवीएम (EVM) पर बवाल मच गया। पूर्व सीएम एवं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह बुधवार को आक्रामक अंदाज में नजर आए। दिग्विजय सिंह अपने आवास पर पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। दिग्विजय ने इवीएम मशीन की बजाय बेलेट पेपर से मतदान कराने की मांग की। दिग्विजय सिंह ने अनेक गड़बड़ियों के आरोप लगाए साथ ही डेमो करके भी गड़बड़ी उजागर की। इसके लिए एक डमी इवीएम मशीन से वोटिंग की गई और उसके वोट की काउंटिंग की गई।

EVM Hack: दिग्विजय सिंह ने कहा कि “यह मेरा संवैधानिक अधिकार है कि मैं जिसे चाहूं वोट दूं, वोट सही जगह डले और उसकी गिनती भी सही हो। मूल बात यह है कि मतदाता को विश्वास होना चाहिए कि जहां वोट डाल रहा है, वो गया या नहीं। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को भी अविश्वास था। कांग्रेस नेता ने कहा कि इवीएम को लेकर तो लालकृष्ण आडवाणी जी ने भी अविश्वास व्यक्त किया था।”

 इवीएम का इस्तेमाल 2003 में  हुआ था शुरू…

EVM Hack: आपको बता दें कि इवीएम का इस्तेमाल 2003 में शुरू हुआ था, फिर अविश्वास सामने आने के बाद वीवीपैट लगाई गई। इसमें एक केबल बेलेट यूनिट से कनेक्ट होती है। वीवीपीएटी सेंट्रल एलेक्शन कमिशन के सर्वर से कनेक्ट होती है। पहले कलेक्टर कौन सी यूनिट कहां जाएगी, यह तय करते थे। लेकिन, अब रेंडमाइजेशन के नाम पर सेंट्रल सर्वर से होती है, जिसके लिए प्राइवेट इंजीनियर बुलाए जाते हैं।

EVM Hack: दिग्विजय ने आगे बताया कि “इंजीनियर लैपटाप से मशीन को कनेक्ट करते हैं, इसके बाद सिंबल लोट होते हैं। इसके कारण चिप सर्वेसर्वा हो जाती है। वीवीपैट पर्ची मशीन में 7 सेकंड के लिए दिखाई देती है, लेकिन जो दिखता है, वही डिब्बे में गिरता है, इस बात का संदेह है। माइक्रोचिप जो वीवीपैट में है, वही वोट डाल रहा है।”

सॉफ्टवेयर का पता ही नहीं…

EVM Hack: दिग्विजय सिंह ने कहा कि “पूरे विश्व में केवल पांच देशों में ही इवीएम से चुनाव होता है। आस्ट्रेलिया में मशीन में जो साफ्टवेयर का उपयोग होता है, वो पब्लिक डोमेन में है। लेकिन, भारत में आज तक कौन सा साफ्टवेयर का उपयोग हो रहा है, इसकी जानकारी पब्लिक को नहीं है। चुनाव आयोग कहता है कि पब्लिक करने से सॉफ्टवेयर हैक हो सकता है। आरटीआई के अंतर्गत कई सवाल पूछे गए, जिसके गोलमोल जवाब मिल रहे हैं। इसके पार्ट्स अलग-अलग वेंडर्स से आते हैं। यह भी कहा गया है कि चिप वन टाइम प्रोग्राम चिप है। लेकिन, जब वीवीपैट आई तो चिप मल्टीपल प्रोग्रामेबल हो गई। रिटर्निंग अधिकारी कहते हैं कि वीवीपैट प्रोग्राम करने के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी मांगी जाती है। निर्वाचन आयोग ऐसे कई सवालों के जवाब नहीं देता है।”

EVM Hack: चुनाव आयोग के जवाब को भी नकारा

EVM Hack: ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि “आयोग कहता है कि इसे हैक नहीं कर सकते, क्योंकि इसमें कोई कनेक्टिविटी नहीं है, जबकि रिटर्निंग ऑफिसर ने बताया कि इंटरनेट कनेक्शन दिया जाता है। सिंह ने ईवीएम पर अविश्वास जताते हुए कहा कि टेक्निशियंस भी इलेक्शन कमीशन के नहीं हैं। मशीन कौन बना रहा है, ये भी किसी को नहीं पता है। इसके अलावा सॉफ्टवेयर भी विदेशी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सॉफ्टवेयर ही मतदान प्रभावित कर सकता है। लिहाजा, मूल बात ये है मतदाता को विश्वास होना चाहिए कि उसका वोट सही जगह गया है।”

चुनाव आयोग पर भी उठाए गंभीर सवाल

EVM Hack: इस मौके पर दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि “इलेक्शन कमिशन निष्पक्ष नहीं है। उन्होंने कहा कि आयोग भारी दबाव में कर रहा है।हम लोग चुनाव में कुछ बोल देते हैं, तो नोटिस मिल जाता है लेकिन भाजपा के नेताओं को खुली छूट मिली हुई है। पीएम मोदी ने कर्नाटक चुनाव में खुलेआम बजरंगबली की जय बोलकर कमल को वोट देने की अपील की थी, तब चुनाव आयोग उन्हें कुछ नहीं कहा था।”

Written By- Swati Singh.

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।