Hijab Vivad: कर्नाटक हिजाब मामला तुरंत सुनने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है। हिजाब पहनकर परीक्षा में शामिल होने की अनुमति वाली याचिका को तत्काल सुनने से इंकार कर दिया है। याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील ने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ से कहा कि हिजाब की अनुमति न होने के कारण कई लड़कियां 9 मार्च से शुरू होने वाली परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगी।
Hijab Vivad: इस पर जवाब देते हुए सीजेआई डी वाई चंद्रचूड ने कहा, “होली की छुट्टी के बाद सुनवाई के लिए बेंच का गठन करेंगे। दरअसल, होली के कारण 12 मार्च तक सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह एक बेंच का गठन करेगा और कर्नाटक में 5 दिनों के बाद होने वाली परीक्षा में हिजाब पहनने वाली छात्राओं को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने की याचिका पर सुनवाई करेगा। कोर्ट का कहना है कि वह मामले को होली के बाद सूचीबद्ध करेगी।
Hijab Vivad: CJI ने आगे कहा कि मामला होली की छुट्टियों के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। वकील ने कहा, “परीक्षा पांच दिनों के बाद आयोजित होने वाली है, मुस्लिम लड़कियां एक साल पीछे चल रही हैं, ऐसे में एक और साल चूक जाएंगी। पीठ ने तारीख तय किए बिना कहा कि वह पीठ बनाएगी।”
मामले को अंतिम बार छात्रों की ओर से वकील शादान फरासत द्वारा तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख किया गया था। अदालत ने कहा था कि वह हिजाब पहनकर कर्नाटक के सरकारी स्कूलों में मुस्लिम छात्राओं को परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करेगी।
Hijab Vivad: कर्नाटक से शुरू हुआ था हिजाब विवाद
आपको बता दें कि कर्नाटक के उप्पिनंगडी गवर्नमेंट प्री–यूनिवर्सिटी कॉलेज में हिजाब पहनकर कॉलेज पहुँची 6 छात्राओं को निलंबित कर दिया था। कई बार प्रिंसिपल के चेताए जाने के बावजूद ये छात्राएँ कॉलेज में हिजाब पहनकर पहुँची थीं। इसलिए कॉलेज के प्रिसिंपल ने स्टाफ की मीटिंग के बाद इन छात्राओं को बर्खास्त करने का फैसला लिया था।
कॉलेज प्रशासन के मुताबिक, इन छात्राओं को 1 हफ्ते के लिए इसलिए निलंबित किया गया, क्योंकि उन्हें आशंका थी कि इससे अन्य छात्राओं को भी विरोध के लिए उकसाया जा सकता है।
Hijab Vivad: आगे ये भी बतातें है कि हिजाब पर रोक के बावजूद कर्नाटक के दूसरे कॉलेज में पिछले साल 2022 में 16 छात्राएँ हिजाब पहनकर पहुँची थीं। हम्पनाकट्टे के पास मंगलुरु यूनिवर्सिटी के कॉलेज में हिजाब पहनकर पहुँची इन छात्राओं ने क्लास करने की अनुमति माँगी थी। कॉलेज की प्रिंसिपल ने उन छात्राओं को कक्षाओं में जाने से मना कर दिया और उन्हें वापस भेज दिया।
छात्राओं ने जिला आयुक्त के कार्यालय जाकर इसकी शिकायत की थी कि उन्हें हिजाब पहनकर कक्षाओं में नहीं बैठने दिया जा रहा है। इसके बाद डीसी ने उन्हें कॉलेज की रूलबुक, सरकार और कोर्ट के आदेशों का पालन करने के लिए कहा था।
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