Jaipur Literature Festival: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में बोले मनमोहन वैद्य बोले,INDIA शब्द अंग्रेजों ने दिया, भारत कहना ज्यादा बेहतर होगा

Jaipur Literature Festival: साहित्य के महाकुंभ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन की शाम कई रोचक सत्रों के साथ खत्म हुई। फ्रंट लॉन में एट होम एंड द वर्ल्ड विषय पर चर्चा करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने आरएसएस के द्वितीय सर संघचालक श्रीगुरुजी की ओर से की गई व्याख्या का हवाला देते हुए बताया कि “हमारे पूर्वज और संस्कृति एक हैं। इंडोनेशिया के 99% लोग कन्वर्ट हुए हैं।”

Jaipur Literature Festival: मनमोहन वैद्य ने कहा कि इंडोनेशिया मुस्लिम प्रधान देश है, फिर भी वहां रामलीला का आयोजन होता है, यदि इंडोनेशिया का मुस्लिम रिलिजन बदलने के बावजूद भगवान राम को पुरखा मान सकता है, तो यहां के लोग भी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आजकल तो संघ की शाखा में मुस्लिम और ईसाई भी आते हैं, वो लोग भी दायित्व लेकर काम करते हैं।

मनमोहन वैद्य ने कहा इंडिया शब्द अंग्रेजों शब्द है

Jaipur Literature Festival: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने कहा कि इंडिया शब्द अंग्रेजों के भारत में आने के बाद दिया गया था, जबकि भारत प्राचीनकाल से है। देश के संविधान में भी इंडिया को भारत लिखा गया है, इसलिए भारत कहना ही ज्यादा बेहतर होगा।

वहीं, मनमोहन वैद्य ने कहा कि हिंदू समाज को भी हिंदुत्व समझना जरूरी है। पहले आजीविका कमाने के लिए प्रोफेशन चुनना कास्ट तय करता था।पहले कास्ट नहीं हुआ करती थी, सिर्फ वर्ण होते थे, अब तो भारत के संविधान में सबको अपनी व्यवस्था चुनने का अधिकार दिया है और वैसे भी छुआछूत और कास्टीज्म गलत है। उन्होंने कहा कि संघ इंटरकास्ट मैरिज को सपोर्ट करता है, लेकिन आज भी समाज में 90 फीसदी शादियां कास्ट में ही होती हैं, जिसकी वजह से डिवोर्स रेट काफी कम है, क्योंकि फैमिली का अपना एक बॉन्ड होता है।

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल हुए मनमोहन वैद्य

Jaipur Literature Festival: मनमोहन वैद्य शुक्रवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल हुए। उन्होंने ‘एट होम एंड द व‌र्ल्ड’ सत्र में पवन के,वर्मा व मंदिरा नायर के साथ बातचीत में कहा कि वसुधैव कुटुंबकम का विचार भारत में पैदा हुआ। भारत के लोग दुनियाभर में व्यापार करने गए, लेकिन वहां लोगों को कन्वर्ट (परिवर्तित) नहीं किया, जैसा कि यूरोप और अरब के लोगों ने किया था।

एक सवाल पर बोले कि संघ अंतरजातीय विवाह का समर्थन करता है, लेकिन आज भी समाज में 90 प्रतिशत शादियां स्वजाति में होती हैं। इसकी वजह से तलाक के मामलों की संख्या काफी कम है, क्योंकि परिवार का अपना एक बांड होता है।

गुलजार ने अपने बचपन के बारे में क्या कहा?

Jaipur Literature Festival: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन अपने जीवन पर लिखी किताब के विषय में चर्चा करते हुए गुलजार भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि 9 से 10 साल की उम्र में किसी भी बच्चे से देश की स्थिति या हालात के विषय में जानकारी होना संभव नहीं है, लेकिन इस उम्र में अगर आपने अपनी आंखों से कुछ देखा हो तो उसे भूल पाना भी संभव नहीं है। गुलजार ने अपने बचपन के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने अपनी आंखों से मोहल्ले में जलते हुए लोग देखे हैं। उन्होंने कहा कि जलने के बाद निकलने वाली बदबू आज भी जेहन में बसी हुई है। गुलजार ने कहा कि पाकिस्तान मेरे लिए इतना पास है कि वह मेरे लिए मेरे घर के बगल की दीवार है, मेरे घर के बगल वाले कमरे की खिड़की है।

लेखक हर्नान डियाज़ ने अपने उपन्यास पर चर्चा की

Jaipur Literature Festival: एक अन्य सत्र ‘ट्रस्ट’ में पुलित्जर पुरस्कार विजेता लेखक हर्नान डियाज़ ने अपने उपन्यास और लेखकीय सफर पर चर्चा की, उन्होंने बताया कि वो एक टेस्टीमोनियल लेखक नहीं हैं। उनका लेखन उनके निजी अनुभवों पर आधारित नहीं है, इसलिए पन्नों पर उन्हें ढूंढना बेमानी है, लेकिन वो उस तरह के लेखक हैं जो सोचते है कि साहित्य ज्यादा साहित्य से बनता है और वो परंपरा का सामना करते हुए लिखते हैं, उससे पीछे नहीं।

इसी तरह ‘यशोधरा एंड वीमेन ऑफ़ द संघ’ में श्याम सेल्वादुरै और वेनेसा आर सेसों ने इतिहास के सबसे अदृश्य व्यक्तित्व यशोधरा पर चर्चा की। वेनेसा ने कहा कि उन्होंने काफी बौद्ध साहित्य पढ़ा है और लगभग किसी में भी यशोधरा पर कुछ नहीं मिलता, जबकि ये एक ऐसा किरदार है, जिस पर बार-बार लिखा जाना चाहिए, जबकि श्याम सेल्वादुरै ने कहा कि लेखन शुरू करने से ज्यादा जरूरी होता है, उस पर टिके रहना। इसके लिए आपके कथ्य में रोचकता और जिज्ञासा होनी चाहिए। यशोधरा अपने आप में सब कुछ है।

Written By: Poline Barnard

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।