Loksabha Election 2024: UP के सहारनपुर में पहली चुनावी रैली में गरजी Mayawati, कांग्रेस और भाजपा पर जमकर बोला हमला

Mayawati

Loksabha Election 2024: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती आज सहारनपुर पहुंच गई हैं। उनकी चुनावी जनसभा नागल क्षेत्र में आयोजित की गई है। सुबह से ही रैलीस्थल पर भारी भीड़ जमा है। यहां से सपा सुप्रीमो मतदाताओं को साधेंगी। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री के सहारनपुर आगमन को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट है। रैली स्थल पर लोगों का आना शुरू हो गया है। लोग बसपा के झंडे लेकर रैली स्थल पर पहुंच रहे हैं। सहारनपुर के नागल क्षेत्र के गांव खटौली की जनसभा में बसपा सुप्रीमो मायावती दोपहर एक बजकर 22 मिनट पर मंच पर पहुंचीं। सबसे पहले उन्होंने मंच पर बाबा साहेब डा भीम राव अंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। इसके बाद हाथ हिला कर जनसमूह का अभिवादन किया।

मायावती:कांग्रेस पर जमकर बोला हमला

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि “जब भी हमारी पार्टी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट देती है तो कांग्रेस भी उसी समाज का उम्मीदवार खड़ा करती है। वहीं इमरान मसूद को लेकर कहा कि वो जीतने वाले नहीं हैं। इसलिए उन्हें वोट देकर बीजेपी प्रत्याशी को फायदा नहीं पहुंचाना है।
सहारनपुर के देवबंद में रैली को संबोधित करते हुए बीएसपी मुखिया ने कहा कि यहां कांग्रेस ने भी अपना मुस्लिम उम्मीदवार उतारा है। उनका उम्मीदवार चुनाव जीतने वाला नहीं है क्योंकि कांग्रेस के पास कोई दूसरा वोट नहीं है। बीएसपी के पास दलितों और क्षत्रिय समाज का वोट है।इस दौरान मायावती ने क्षत्रिय और मुस्लिम समाज के लोगों से खास अपील की है।”

उन्होंने कहा कि “कैराना से हमने क्षत्रिय उम्मीदवार को टिकट दिया है। सहारनपुर में भी क्षत्रिय समाज का वोट मुस्लिम उम्मीदवार को जरूर मिलेगा। आप लोगों को अपने वोट को बांटना नहीं है। अगर थोड़ा भी वोट आपने कांग्रेस उम्मीदवार को दे दिया तो उसका फायदा सीधे बीजेपी को मिलेगा। अगर वास्तव में आप बीजेपी उम्मीदवार को हराना चाहते हैं तो मैं खासकर मुस्लिम समाज के लोगों से कहना चाहूंगी कि आपको अपना वोट बांटना नहीं है। एकतरफा बीएसपी उम्मीदवार को सहारनपुर सीट से वोट देना है।”

 

मायावती: भाजपा की करनी और कथनी में बड़ा अंतर

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद ज्यादातर सरकारें कांग्रेस पार्टी की रही हैं। दलित आदिवासी पिछड़ा वर्ग विरोधी नीतियों के चलते इस पार्टी को केंद्र और राज्यों से बाहर होना पड़ा। यही स्थिति इनकी सहयोगी पार्टियों की बनी रही है। अब पिछले दस वर्षों में बीजेपी और इनके सहयेागी दल केंद्र तथा अधिकांश राज्यों में सत्ता में आए। अब बीजेपी की भी जातिवादी, पूंजिवादी नीतियों तथा इनकी कथनी और करनी में भी काफी अंतर होने से इस बार यह लगता है कि यह पार्टी भी इस बार केंद्र की सत्ता में वापस आने वाली नहीं है।

मंच से उठाए गरीबी, आरक्षण और अल्पसंख्यक समाज के मुद्दे

प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की व्यवस्था न दिए जाने के प्रावधान के चलते देश में आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। मुस्लिम और धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों की हालत भी इस सरकार में काफी खराब हो रही है। पिछले कुछ वर्षों में केंद्र और अधिकांश राज्यों में आरएसएस की सरकार होने के चलते इनका विकास होना बंद तक हो गया है। इनका उत्पीड़न चरम पर पहुंच गया है। ठाकुर समाज के गरीब लोगों की हालत भी कुछ अच्छी नजर नहीं आ रही है।

क्षत्रिय समाज से बोलीं मायावती- आप लोग बीजेपी की ओर देखते रहे

बीएसपी सुप्रीमो ने क्षत्रिय समाज के लोगों से कहा कि अगर सहारनपुर में आप लोग थोड़ा पहले पार्टी से जुड़ जाते तो आपके समाज का उम्मीदवार बन सकता था, लेकिन आप लोग बीजेपी की ओर देखते रहे, लेकिन उन्होंने आपको मौका नहीं दिया। हमने फिर भी क्षत्रिय समाज का मान सम्मान रखा और बगल से लगी कैराना सीट से क्षत्रिय समाज को टिकट दिया है।

2019 के लोकसभा चुनाव का जिक्र

सहारनपुर में पिछली बार बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली थी। इस सीट पर मुस्लिम व दलित वोटरों की संख्या ज्यादा होने के कारण बसपा सुप्रीमो का फोकस ज्यादा है। 14 अप्रैल के बाद 15 अप्रैल को रामपुर व मुरादाबाद, 16 अप्रैल को बिजनौर व नगीना, 21 अप्रैल को गाजियाबाद, बागपत व अमरोहा, 22 अप्रैल को गौतम बुद्ध नगर व बुलंदशहर और 23 अप्रैल को हापुड़ तथा मेरठ में चुनावी जनसभा होनी है।वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके यूपी में चुनाव लड़ा था। इसमें बसपा को लगभग 10 सीटों पर सफलता मिली थी। पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के वोट प्रतिशत में लगातार कमी दर्ज की गई थी।

Written By- Swati Singh.

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बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।