Mukhtaar Ansari की मौत के बाद सियासत हुई तेज, अखिलेश, मायावती समेत ओवैसी ने लगाए सरकार पर गंभीर आरोप

Mukhtar Ansari

यूपी के माफिया Mukhtaar Ansari की मौत बीते रात गुरूवार को हार्ट अटैक के कारण हो गया थी। आपको बता दें कि वो कई दिनों से गंभीररूप से बीमार चल रहे थे। मुख्तार का इंतकाल किया हुआ अब उनकी मौत पर विपक्ष ने राजनीति करना शुरू कर दी। अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में ‘कानून-व्यवस्था का शून्यकाल चल रहा है। Aimim चीफ ओवैसी ने

उमर अंसारी ने लगाया धीमा जहर देने का आरोप

Mukhtaar Ansari की मौत के बाद उनके बेटे उमर अंसारी ने कहा है कि “पूरा देश सब कुछ जानता है। दो दिन पहले मैं उनसे मिलने गया था, लेकिन मुझे मिलने की इजाजत नहीं दी गई। उमर अंसारी ने धीमा जहर देने का आरोप लगाया है। उमर अंसारी का कहना है कि हमने पहले भी कहा था और आज भी यही कह रहे है।”

मुख्तार अंसारी की मौत पर अखिलेश यादव और मायावती ने कसे तंज़

बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की मौत पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा “यूपी ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि इसकी हाईलेवल जांच होनी चाहिए। जिससे सच सामने आ सके।”

अखिलेश यादव ये अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा है कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा:

– थाने में बंद रहने के दौरान
– जेल के अंदर आपसी झगड़े में
– ⁠जेल के अंदर बीमार होने पर
– न्यायालय ले जाते समय
– ⁠अस्पताल ले जाते समय
– ⁠अस्पताल में इलाज के दौरान
– ⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर
– ⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर
– ⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर

ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं। जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

मायावती ने हाई लेवल जांच की मांग

मुख़्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उनकी उच्च-स्तरीय जाँच जरूरी, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें। ऐसे में उनके परिवार का दुःखी होना स्वाभाविक। कुदरत उन्हें इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे।

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी:सरकार ने उनके इलाज पर तवज्जोह…

मुख्तार की मौत के बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा है कि “इन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैही राजिऊन। अल्लाह से दुआ है के वो मुख़्तार अंसारी को मग़फ़िरत फ़रमाए, उनके ख़ानदान और उनके चाहने वालों को सब्र-ए-जमील अदा करें। ग़ाज़ीपुर की अवाम ने अपने चहीते बेटे और भाई को को खो दिया है। मुख़्तार साहब ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया था कि उन्हें ज़हर दिया गया था। बावजूद इसके, सरकार ने उनके इलाज पर तवज्जोह नहीं दिया।निंदनीय और अफसोसजनक।”

कैबिनेट मंत्री संजय निषाद: किसी को भी किसी की मौत पर राजनीति नहीं…

वहीं यूपी सरकार की तरफ मुख्तार अंसारी की मौत पर विपक्ष के नेताओं को नसीहत देते हुए कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि “किसी को भी किसी की मौत पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। लोग जो संदिग्ध मौत की बात कर रहे है, वो जांच का विषय है। जांच में सत्यता के आधार पर बयान करना चाहिए। फाॅरेंसिक रिपोर्ट पर ही विश्वास किया जा सकता है…”

Written By- Vineet Attri.

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बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।