CM Yogi Adityanath: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हजारों करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में एक बार फिर जापानी निवेशकों ने नए औद्योगिक निवेश को लेकर रुचि दर्शायी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी के नेतृत्व में जापानी उद्यमियों के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट कर नए प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया। विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत व जापान के संबंध सदा ही मैत्रीपूर्ण रहे हैं।
CM Yogi Adityanath: दोनों देशों के बीच परस्पर सौहार्द और बढ़ते हुए द्विपक्षीय व्यापार तथा सर्वांगीण सहयोग विद्यमान हैं। दोनों देश बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं तथा समान सामाजिक-आर्थिक विकास की प्राथमिकताओं के साथ लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष एवं बहुलवादी प्रणालियों के साथ-साथ विश्व स्तरीय सामरिक दृष्टिकोण भी समान हैं।
योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा?
CM Yogi Adityanath: भारत जापान के प्राचीन सांस्कृतिक संबंधों की चर्चा करते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बौद्ध धर्म के प्रसार के कारण भारत एवं जापान के बीच सदियों से मजबूत सांस्कृतिक संबंध रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय और जापानी लोगों के बीच एक मजबूत साझा पहचान सृजित हुई है। उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े अनेक आस्थास्थल हैं।
कपिलवस्तु, सारनाथ, संकिसा, श्रावस्ती और कुशीनगर बौद्ध मतावलंबियों के लिए बड़े आस्था के केंद्र हैं। वाराणसी में जापान के सहयोग से निर्मित विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. शिंजो आबे के प्रगाढ़ संबंधों ने आधुनिक युग में भारत-जापान के राजनीतिक, आर्थिक और व्यावसायिक संबंधों की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
औद्योगिक विकास मंत्री ने क्या कहा?
CM Yogi Adityanath: मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में यामाहा मोटर्स, होण्डा मोटर्स, मित्सुई टेक्नोलॉजीज जैसी जापान की तमाम विश्व प्रतिष्ठित कम्पनियाँ कार्यरत हैं। आज की यह बैठक इस आयाम को एक नया विस्तार देने में प्रभावी साबित होगी। जापान और उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक व ऐतिहासिक विरासत एक-दूसरे के बेहद करीब रही है। भगवान बुद्ध के उपदेश और उनका जीवन दर्शन हमारे बीच एक अटूट सम्बन्ध स्थापित करते हैं।
जापान महात्मा बुद्ध में आस्था रखने वाला देश है और उत्तर प्रदेश में महात्मा बुद्ध के जीवन से जुड़े दो बेहद महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं। सारनाथ-जहाँ उन्होंने अपना पहला उपदेश दिया और कुशीनगर- जहाँ उन्होंने महानिर्वाण प्राप्त किया। हमारी सरकार द्वारा कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण और संचालन से दोनों संस्कृतियाँ एक-दूसरे के और नजदीक आई हैं।
सारनाथ-कौशाम्बी-श्रावस्ती-कुशीनगर आदि बौद्धस्थलों को जोड़ने वाले बौद्ध सर्किट का निर्माण प्रगति पर है! आज की यह बैठक दो समृद्ध संस्कृतियों के बीच गहरी और मजबूत साझेदारी के नये अध्याय की शुरुआत है। इस अवसर पर राज्यमंत्री जसवंत सिंह सैनी, प्रमुख सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल एव अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
Written By: Swati Singh
ये भी पढ़ें..