mukhtar ansari: उत्तर प्रदेश के चर्चित बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को उम्र कैद की सजा हो गई है। उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने माफिया मुख्तार अंसारी को उम्र कैद की सजा सुनाई है। अब उत्तर प्रदेश के इस बाहुबली पूर्व विधायक को अपनी पूरी जिंदगी जेल में ही बितानी पड़ेगी। फिलहाल अंसारी यूपी की बांधा जेल में कैद है।
mukhtar ansari: किस मामले में मिली सजा?
मुख्तार अंसारी को वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बुधवार को फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। इससे पहले भी पूर्व विधायक माफिया मुख्तार अंसारी को अवधेश राय हत्याकांड में उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी को बीते 7 महीने में 6 मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि जिस केस में मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई गई है उस अपराध के समय मुख्तार अंसारी की उम्र तकरीबन 22 साल थी। आपको बता दें कि ये 36 साल पुराना मामला है। जिसमें शस्त्र लाइसेंस लेने के लिए पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को फर्जी प्रपत्र का इस्तेमाल करने का आरोपी पाया गया है। मुख्तार अंसारी खिलाफ आईपीसी की धारा 466/120B, 420/120, 468/120 और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। अदालत ने मुख्तार अंसारी को अलग अलग धाराओं में 2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जिसे अदा नहीं करने पर उन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अदालत में मुख्तार अंसारी से जुड़े पूरे मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सजा सुनाई गई।
हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे मुख्तार अंसारी
मुख्तार अंसारी के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को अधिकतम सजा सुनाई है। पहली बार फर्जीवाड़ा और साजिश की धाराओं में अधिकतम सजा हुई है। हम इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगे।
आपको जानकारी के बता दें कि उत्तर प्रदेश में कभी आतंक के पर्याय रहे बाहुबली माफिया पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी अपने किए पापों की सजा भुगत रहा है। एक वक्त था जब लोग उसके नाम से थर-थर कांपते थे। इसके आपराधिक मंसूबे का शिकार बनने के बावजूद भी लोग इसके खिलाफ गवाही देने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाते थे। लेकिन आज इस माफिया गुंडे की हालत बद से बदतर हो गई है। जिला अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट का गेट खटखटाने के बावजूद भी इसे राहत नसीब नहीं हो रही है।
एक प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट से हुआ बारी
आर्म्स एक्ट और 5 टाडा एक्ट के तहत नई दिल्ली में केस दर्ज हुआ था। जिसमें न्यायलय एएसजे साउथ डिस्ट्रिक नई दिल्ली ने 25 फरवरी को साल 2003 में माफिया मुख्तार अंसारी को 5 लाख 55 हजार रुपए का आर्थिक दंड व 10 साल की सश्रम कारावास की सजाई सुनाई थी। मुख्तार अंसारी ने इस फैसले को चुनौती देते हुए अपील दर्ज की थी। जिसको सुप्रीम कोर्ट ने 21 अप्रैल 2005 को इस मामले में बरी कर दिया था।
Written By: Vineet Attri
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