Rajasthan News: नया साल शुरू होता है, तो लोगों को लगता शायद अब नया साल खुशियां लेकर आयेगा। लेकिन ये किसी को नहीं पता होता, कि नया साल इतना गम भी दे जायेगा जो पूरे जीवन भुला पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। जब नये वर्ष के दमकते उजाले में एक ही परिवार 8 चिराग भुज जायें तो परिवार में तो क्या बचा लेकिन पूरा गांव शोक के अंधेरे में डूब गया।
आपको बता दें, कि एक भीषण सड़क हादसे में दो परिवारों के 12 लोगों की मौत हो गई। इस भीषण हादसे ने दो सगे भाईयों का घर उजाड़ दिया। इस हादसे में एक ही गांव के 9 लोग शामिल थे। इस हादसे ने घर, रिश्तेदार व गांव को गम के आंसुओं में ऐसा भिगोया कि न चूल्हे जले और न ही खुले बाजार।
Rajasthan News: दरअसल, जयपुर के सामोद निवासी कैलाशचंद और सुवालाल का परिवार 1 जनवरी के दिन कुलदेवी जीण माता के दर्शन कर अपने नए वाहन से घर लौट रहा था, तभी सीकर में खण्डेला पलसाना सड़क मार्ग पर उनकी गाड़ी ने पहले बाइक को टक्कर मारी और फिर ट्रक में जा घुसी।
इस हादसे में कैलाशचंद के दो बेटे विजय और अजय, बेटी रेखा, विजय की पत्नी राधा समेत सुवालाल की दोनों बहू पूनम और अनुराधा, पोता आरव और पोती निक्कू के साथ पड़ोसी अरविंद की अकाल मौत हो गई। खौफनाक हादसे के बाद सोमवार को जब सभी शव एक साथ गांव पहुंचे तो गांव में कोहराम मच गया।
घर के आंगन में कफन के अंदर लिपटे 8 शवों वाला वो दृश्य इतना ह्रदय को कोंधने वाला था, कि हर किसी आंखों में आंसू थे। और सभी इतने गम में डूबे थे, कि राम को पुकारने के अलावा दूसरा शब्द मुंह पर नहीं था। गम का माहौल यहीं नहीं थमा जब 4 वर्ष के मासूम ने 8 जनों को मुखाग्नि दी तो हर कोई देखने वाला फूट-फूटकर रो रहा था।
Rajasthan News: 9 वां शव पड़ोसी अरविंद कुमार का था। जिसके शादी कुछ ही दिनों बाद शहनाई बजने वाली थी। लेकिन अब शहनाई तो अब नहीं बजी, लेकिन पूरा परिवार चीख-चीखकर बदहवास था। एक गांव की 9 जिंदगियां श्मशान में धुंआ-धुंआ हो गईं। चिताओं से उठ रहीं लपटों को देख श्माशान भी रो रहो होगा।