Meerut News: किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे अवारा गोवंश अब सरकारी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों की शिक्षा में भी बाधा उत्पन्न करने लगे हैं। राज्य सरकार द्वारा आवारा गोवंशों के लिए तमाम योजनाऐं चलाई जा रही हैं। लेकिन जिला के प्रशासनिक अधिकारी इन योजनाओं को अंजाम देने में असफल हो रहे हैं। जब एक सरकारी स्कूल में आवारा गोवंशों को बंधक बनाया जाये और बच्चों को दरवाजे के बाहर सड़क पर पढ़ाया जाये तो आप कैसा महसूस करेंगे?
जी हां! ऐसा ही हुआ उत्तर प्रदेश के जिला मेरठ के फलावदा थाना क्षेत्र के पिलौना इलाके में बने प्राथमिक स्कूल में आवारा गोवंशों को बंधक बनाया हुआ था और बच्चे दरवाजे के बाहर पढ़ रहे थे। स्कूल की अध्यापक कुर्सी बिछाये बच्चों के हाथों में किताब देकर उनका भविष्य गढ़ने में लगे थे। जिला प्रशासन सर्द भरे इस मौसम में हाथ सेंकने में लगा है। अधिकारी गर्म चाय की चुस्की लेने और जायकेदार पकोड़े खाने में मस्त हैं।
Meerut News: परेशान हैं तो आवारा गोवंशों से फसलों को बचाने के लिए किसान और पढ़ाई करने के लिए परेशान हैं, तो किसान-मजदूरों के बच्चे। दरअसल, पश्चिम उत्तर प्रदेश में आवारा पशु एक बड़ी समस्या बन चुके हैं। किसानों और ग्रामीणों ने आवारा पशुओं को कभी पंचायत भवन तो कभी स्कूलों में बांधना शुरू कर दिया है, ताकि उनकी फसलों को नुकसान ना हो पाए।
सरकार द्वारा आवारा पशुओं के लिए की गई व्यवस्था को शायद जिला प्रशासन इन व्यवस्थाओं को हकीकत में अंजाम देने में असफल हो रहा है। इसीलिए आवारा पशु किसानों की फसल बर्बाद कर रहे हैं।
सर्दी की छुट्टियां खत्म हुईं तो स्कूल के बाहर लगी क्लास
सर्दी की छुट्टियां चल रही थीं, जब छुट्टियां खत्म हुईं तो स्कूल खुला और क्लास सड़क पर लगीं। मेरठ के फलावदा थाना क्षेत्र के पिलौना इलाके में बने प्राथमिक स्कूल में ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अंदर आवारा पशु बंधे हुए थे। जैसे ही यह फोटो और वीडियो वायरल हुए तो मवाना के एसडीम और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे।
Meerut News: अधिकारियों ने ग्रामीणों से बातचीत की और पशुओं को शिफ्ट करवाया, लेकिन ग्रामीण इन पशुओं के स्थाई समाधान पर अड़े हुए हैं। ऐसा नहीं है, कि यह तस्वीरें सिर्फ मेरठ जिले से सामने आ रही है। यूपी के तमाम जिलों में ग्रामीण अवारा जानवरों से परेशान हैं और उन्हें कभी पंचायत भवन तो कभी सरकारी स्कूलों में बांध दे रहे हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन चेत नहीं रहा है। मेरठ में इसके पहले भी आवारा पशु के हमले से कई लोगों की जानें जा चुकी है।