Gyanvapi Case: मुस्लिम पक्ष को लगा तगड़ा झटका, ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की पूजा मामले पर कोर्ट करेगा सुनवाई

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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग को लेकर पिछले कई महीनों से चल रहे विवाद मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को तगड़ा झटका लगा है। गुरुवार को फास्‍ट ट्रैक ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले कथित शिवलिंग के पूजा करने के अधिकार, ज्ञानवापी परिसर में मुसलानों के प्रवेश पर रोक और ज्ञानवापी परिसर में बने अवैध ढांचे को हटाने संबंधी मामले को सुनवाई के योग्य माना है। साथ ही इस मामले में अगली सुनवाई दो दिसंबर को होगी।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में सिविल जज महेंद्र पांडे की अदालत में विश्व वैदिक सनातन संघ ने इस बारे में याचिका दाखिल की थी। याचिका के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने 7/11 के तहत (मामला सुनवाई योग्‍य है या नहीं) याचिका खारिज करने की मांग की थी। अब फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज महेंद्र पांडे ने इस मामले को सुनवाई के योग्‍य मान लिया है। कोर्ट ने इस केस में अगली तारीख 2 दिसंबर दी है।

हिंदू पक्ष ने मांगा था शिवलिंग की पूजा का अधिकार

Gyanvapi Case: दरअसल इस मामले में वादी किरण सिंह ने 24 मई को केस दाखिल किया था। इसमें वाराणसी के जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतेजामिया कमेटी के साथ ही विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया था। बाद में 25 मई को जिला अदालत के न्यायाधीश ए.के. विश्वेश ने मुकदमे को फास्ट ट्रैक अदालत में ट्रांसफर कर दिया था। किरण सिंह ने अपनी याचिका में ज्ञानवापी परिसर में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक, परिसर हिंदुओं को सौंपने के साथ ही परिसर में मिले कथित शिवलिंग की नियमित तौर पूजा-अर्चना करने का अधिकार देने का अनुरोध किया है।
इससे पहले मई में अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराया गया था। सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में एक शिवलिंग जैसी आकृति पाई गई थी। हिंदू पक्ष ने इसे शिवलिंग बताते हुए कहा था कि इसके साथ ही आदि विश्वेश्वर प्रकट हो गए हैं। वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्‍वारा बताया था। साथ ही शुरूआती समय में सर्वे का विरोध भी किया था। हालांकि मुसलमानों के विरोध के बाद भी टीम ने सर्वे का काम पूरा किया गया।

अब फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा याचिका स्वीकार करने व मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज किए जाने के कोर्ट के निर्णय के बाद हिंदू पक्ष में हर्ष है। वहीं हिंदुओं को भरोसा भी है कि इस मामले में हिंदू पक्ष को ही जीत हासिल होगी। अब समय आ गया है भगवान शिव को आजाद कराने का।

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By Keshav Malan

यह कलम दिल, दिमाग से नहीं सिर्फ भाव से लिखती है, इस 'भाव' का न कोई 'तोल' है न कोई 'मोल'