पंडित गोविंद बल्लभ पंत: भारत रत्न और यूपी के प्रथम सीएम की 63वीं पुण्यतिथि पर सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और महान स्वतंत्रता सेनानी, देश के पूर्व गृह मंत्री, लोकप्रिय राजनेता, ‘भारत रत्न’ पंडित गोविंद बल्लभ पंत की 63 वीं पुण्यतिथि हल्द्वानी स्थित पंडित गोविंद बल्लभ पंत कैंप कार्यालय में मनाई गई जहाँ उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि के साथ श्रद्धा सुमन अर्पित किया गए है। जहां पंडित गोविंद बल्लभ पंत के देश की आजादी से लेकर उनके विकास कार्यों पर चर्चा की गई।

सीएम योगी ने पंडित गोविंद बल्लभ पंत को दी श्रद्धांजलि

वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सहित अन्य नेताओं ने ‘भारत रत्न’ पंडित गोविंद बल्लभ पंत की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।

आगे सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि, “मैं इस अवसर पर पंडित गोविंद बल्लभ पंत की स्मृतियों नमन करते हुए प्रदेश वासियों की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। पंडित गोविंद बल्लभ पंत भारत माता के एक महान सपूत और महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे।”

सीएम धामी ने ट्वीट कर की श्रद्धांजलि अर्पित

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स से ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित की है उन्होंने लिखा है कि, महान स्वतंत्रता सेनानी, उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री, भारत रत्न पं. गोविंद बल्लभ पंत जी की पुण्यतिथि पर शत्-शत् नमन। आपके द्वारा राष्ट्र उत्थान में दिया गया योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा।

कौन थे गोविंद बल्लभ पंत?

पंडित गोविंद बल्लभ पंत का जन्म 10 सितम्बर 1887 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के खूंट गांव में हुआ था। पंडित गोविंद बल्लभ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और जाने-माने वकील थे। 1905 में गोविंद बल्लभ पंत अल्मोड़ा छोड़ इलाहाबाद चले गए थे। जहां उन्होंने वकालत की पढ़ाई की और कांग्रेस के स्वयंसेवक के तौर पर काम किया था। गोविंद बल्लभ पंत ने उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। उसके बाद उन्होंने भारत के गृह मंत्री का पदभार भी संभाला था। उनको भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।

आपको बता दें कि, गोविंद बल्लभ पंत भारत रत्न प्राप्त करने वाले उत्तराखंड के पहले व्यक्ति थे। इसलिए आज भी गोविंद बल्लभ पंत को हिमालय पुत्र और भारत रत्न के नाम से जाना जाता है। मई 1961 को हृदय गति रुकने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। उस समय वह भारत के केंद्रीय गृहमंत्री थे।

Written By: Vineet Attri 

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।