Taliban Government: 15 अगस्त को अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता वापसी के दो साल पूरे हो गए. अगस्त 2021 को तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया था और तभी से वहां के हालात खराब हैं। तालिबान ने लोगों खासकर महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं।
Taliban Government: महिलाओं की जिंदगियां दोजख बनी हुई हैं। ऐसे में तालिबान ने एक और तुगलकी फरमान जारी किया है। तालिबान सरकार (Taliban Government) के एक प्रमुख मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि अगर महिलाओं के चेहरे सार्वजनिक रूप से दिखाई देंगे तो फितना या पाप में पड़ने की संभावना है।
Taliban Government: दूसरी ओर, जब पुरुष सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के खुले चेहरे देख सकते हैं, तो इन महिलाओं का मूल्य कम हो जाता है। उन्होंने कहा कि देश में धार्मिक विद्वानों का मानना है कि एक महिला को घर से बाहर निकलते समय अपना चेहरा ढंकना चाहिए।अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान ने हिजाब (इस्लामिक हेडस्कार्फ़) के पालन को एक कारण बताया, जिसके कारण महिलाओं को पार्कों, कार्यस्थलों और विश्वविद्यालयों सहित अधिकांश सार्वजनिक स्थानों पर जाने से रोका जाता है।
Taliban Government: तालिबान के वाइस एंड सदाचार मंत्रालय के प्रवक्ता मौलवी मोहम्मद सादिक आकिफ ने एसोसिएटेड प्रेस के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि अगर महिलाओं के चेहरे सार्वजनिक रूप से दिखाई देंगे तो फितना या पाप में पड़ने की संभावना है।
महिलाओं के चेहरे छुपे रहने चाहिए
Taliban Government: आकिफ ने कहा, “कुछ इलाकों (बड़े शहरों) में महिलाओं को (बिना हिजाब के) देखना बहुत बुरा है और हमारे वैज्ञानिक भी इस बात से सहमत हैं कि महिलाओं के चेहरे ढके होने चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि उसका चेहरा घायल या क्षतिग्रस्त हो जाएगा। औरत की अपनी कीमत होती है और जब पुरुष उसे देखते हैं तो ये कीमत कम हो जाती है। अल्लाह हिजाब में महिलाओं का सम्मान करता है और इसमें मूल्य है।” लड़कियों और महिलाओं पर तालिबान के प्रतिबंधों ने वैश्विक आक्रोश पैदा किया है।
तालिबान ने बैन किए अब तक 70 राजनीतिक दल
Taliban Government: अफगानिस्तान पर शासन कर रहे तालिबान ने एक और अलोकतांत्रिक फैसला लेते हुए 70 राजनीतिक दलों पर बैन लगा दिया। तालिबान के न्याय मंत्री अब्दुल हकीम शरेई ने कहा, मुस्लिमों का जीवन शरिया कानून पर आधारित होता है, ऐसे में सच्चे मुस्लिम समाज में राजनीतिक दलों के लिए कोई गुंजाइश नहीं। तालिबान के सत्ता में आने के बाद पंजीकृत सभी 70 राजनीतिक दलों को उनके मंत्रालय ने यह कहते हुए प्रतिबंधित कर दिया कि इन दलों से देश में विभाजन की भावना पैदा होती है। शरेई ने खाड़ी देशों का उदाहरण देते हुए कहा वहां भी तो कोई राजनीतिक दल नही हैं।
Written By: Poline Barnard
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