Mathura: बाजना में पांच कुण्डीय हवन यज्ञ का आयोजन, संतों के साथ हिंदू राष्ट्र के लिए आहुति दे रहे लोग

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Mathura: मथुरा जिले के बाजना क्षेत्र में चल रहे पांच कुंडीय हवन यज्ञ में संत समाज के साथ हजारों लोग भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए आहुति दे रहे हैं। 9 मार्च, 2023 से 13 मढ़ी श्री पंच दसनाम जूना अखाड़ा की ओर से आयोजित किए जा रहा यह पांच कुण्डीय हवन यज्ञ 14 मार्च तक चलेगा और 15 मार्च को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक बाजना क्षेत्र के गांव एदलगढ़ी के निकट एक खुले मैदान में यह पांच कुंडीय हवन यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें इलाके के हजारों लोग हर दिन आहुति देने किे लिए आते हैं। हर रोज सुबह 9 से 12 बजे तक होने वाले हवन यज्ञ में विश्व कल्याण के साथ भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए संत समाज के साथ मिलकर सनातनी लोग आहुति दे रहे हैं।

Mathura: हवन यज्ञ का आयोजन करा रहे स्वामी राम गिरी महाराज ने खबर इंडिया से खास बातचीत करते हुए कहा कि आज पूरे विश्व में सनातन का डंका बज रहा है। ऐसे में संत समाज की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इसीलिए हम रात-दिन गांव-गांव जाकर छोटे-छोटे कार्यक्रम के माध्यम से सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि हम यज्ञ में भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए आहुति दे भी रहें हैं और लोगों को इसके प्रति जागरुक भी कर रहे हैं। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील की कि वह चाहें तो हिंदू धर्म में घर वापसी कर सकते हैं।

Mathura: आचार्य जय भारद्वाज ने कहा कि यह देश एक दिन हिंदू राष्ट्र बनकर रहेगा। मुझे उम्मीद है कि योगी-मोदी के नेतृत्व में ही यह कार्य संभव हो सकेगा। हम बागेश्वर धाम सरकार द्वारा की गई हिंदू राष्ट्र की मांग का समर्थन करते हैं। हालांकि इस दौरान मौजूद अन्य संत राजनीतिक सवालों से बचते हुए नजर आए।

आयोजक समिति के संतों ने क्षेत्र वासियों से, सनातनियों से अधिक से अधिक संख्या में हवन यज्ञ में शामिल होने की अपील की है। खासतौर पर युवाओं से यज्ञ में आहुति देने की अपील की है।

Mathura: 40 गांव में 40 संत प्रभातफेरी के साथ ले रहे भिक्षा

Mathura: हवन यज्ञ का आयोजन कर रहे करीब 40 संत सुबह चार बजे से बाजना क्षेत्र के 40 गांव के लिए कार्यक्रम स्थल से निकल जाते हैं। गांव-गांव जाकर पहले वहां कीर्तन करते हुए प्रभातफेरी निकालना और फिर उसके बाद लोगों से जनसंपर्क करके भिक्षा लेना होता है। इतना ही नहीं गांव-गांव से इकट्ठा किया गए भोजन को एकत्रित करके हवन यज्ञ में शामिल भक्तों को उसे प्रसाद के रूप में खिलाया जाता है। इस दौरान भी संत लोगों में सनातन धर्म का प्रचार करते हैं।

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By Keshav Malan

यह कलम दिल, दिमाग से नहीं सिर्फ भाव से लिखती है, इस 'भाव' का न कोई 'तोल' है न कोई 'मोल'