New Delhi: दिल्ली एनसीआर में आज से डीजल बस की एंट्री बंद, क्लीन फ्यूल बस को मिलेगी एंट्री पढ़िए पूरी रिपोर्ट

New Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए, कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, दिल्ली में 1 नवंबर 2023 से बीएस-III और BS-IV डीजल बसों को एंट्री नहीं दी जाएगी। केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक और डीजल से चलने वाली बीएस-VI बसों को ही चलने की अनुमति होगी।

New Delhi: ये नियम प्राइवेट बसों के लिए भी सामान रहेगा। वहीं इस नियम के लागू होने पर 60 फीसद से ज्यादा बसों का संचालन बंद हो जाएगा, जिसके चलते पैसेंजर्स को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

एनसीआर से दिल्ली आने वाली बसे होंगी ‘क्लीन फ्यूल’

New Delhi: एक नवंबर से एनसीआर के शहरों से दिल्ली आने वाली सभी बसें ‘क्लीन फ्यूल’ वाली होंगी। सीएक्यूएम के अनुसार एक नवंबर से दिल्ली में वही बसें आ पाएंगी जो इलेक्ट्रिक, सीएनजी या फिर बीएस-6 डीजल पर चल रही होंगी। अन्य बसों को दिल्ली नहीं आने दिया जाएगा।

एक्सपर्ट के अनुसार प्रदूषण बढ़ाने वाली पुरानी बसों को दिल्ली ही नहीं बल्कि एनसीआर में भी चलने से रोकना बहुत जरूरी है। लेकिन इस नियम की वजह से अगर दिल्ली आने वाली बसों में कमी हुई तो एनसीआर से दिल्ली आने जाने वाली निजी गाड़ियां बढ़ जाएंगी और इसकी वजह से प्रदूषण कम होने की बजाय बढ़ जाएगा।

इस कार्रवाई में टूरिस्ट बसों को दी गई छूट

New Delhi: ये वे प्रमुख मार्ग हैं जहां से दिल्ली में दूसरे राज्यों की बसें प्रवेश करती हैं। ये टीमें दिल्ली की सीमा पर आने वाली बसों की जांच करेंगी। इसके अलावा तीनों अंतर्राज्यीय बस अड्डों पर एक एक टीम हर समय मौजूद रहेगी। इस दौरान अगर कहीं भी बस मिलेगी तो उसे जब्त किया जाएगा। इस कार्रवाई में दूसरे राज्यों के लिए लंबी दूरी की टूरिस्ट बसों को छूट दी गई है।

बता दें कि दिल्ली में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए 114 टीमें लगाई गई हैं। इसमें भारी व्यावसायिक वाहनों की जांच के लिए 18 टीमों को लगाया गया था जो रात आठ बजे से सुबह चार बजे तक ओवरलोडिंग ट्रकों व भारी वाहनों की निगरानी के लिए दिल्ली के सीमावर्ती क्षेत्रों में काम कर रही थीं।

डीजल वाली बसें करती हैं ज्यादा प्रदूषण

New Delhi: एक्सपर्ट के अनुसार निश्चित तौर पर डीजल बसें उसमें भी बीएस-3 या बीएस-4 बसें सीएनजी और बीएस-6 की तुलना में बहुत अधिक प्रदूषण करती हैं। इन बसों को दिल्ली की सभी आईएसबीटी के अलावा धौला कुआं पर भी देखा जा सकता है। इस लिहाज से देखा जाए तो यह एक सार्थक पहल है।

सीएसई (सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट) की क्लीन एयर प्रोग्राम ऑफिसर शंभवी शुक्ला ने बताया कि निश्चित तौर पर घुटन के इस दौर में सख्त कदम उठाने जरूरी हैं। इस लिहाज से यह एक अच्छा कदम कहा जा सकता है। लेकिन बिना तैयारी के इस समय इसे लागू करना प्रदूषण में और अधिक इजाफा कर सकता है।

बॉर्डर पर होगी कड़ी निगरानी

New Delhi: इसमें किसी भी प्रकार के बदलाव को नियमों की अवहेलना माना जाएगा और मोटर वीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि एक तारीख से दिल्ली की उन सभी बॉर्डर्स पर ट्रांसपोर्ट विभाग की टीमें चेकिंग करेंगी, जहां से इंटरस्टेट बसें दिल्ली में आती-जाती हैं। बॉर्डर से केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक या बीएस-6 डीजल इंजन वाली बसों को ही शहर में आने दिया जाएगा।

इसके अलावा बस अड्डों और उन जगहों पर भी चेकिंग की जाएगी, जहां से प्राइवेट बस ऑपरेटर बसें ऑपरेट करते हैं। अगर नियमों की अवहेलना करके कोई बस चलती पाई गई, तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।

Written By: Vineet Attri

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।