Gyanvapi Maszid case: तीस हजारी कोर्ट से प्रो रतन लाल को आखिरकार जमानत मिल ही गई है। उसने ज्ञानवापी में शिवलिंग को लेकर विवदित बयान दिया था।
बता दें कि शुक्रवार देर रात 20 मई को दिल्ली पुलिस के साइवर सेल ने DU के प्रोफेसर रतन लाल को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया है।कुछ दिन पहले ज्ञानवापी परिसर में वीडियो सर्वे के दौरान शिवलिंग निकला था।शिवलिंग पर उसने विवादित टिप्पणी की थी। समाज सेवक ने दिल्ली पुलिस के साइबर सेल में रतन लाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवायी थी। उसने रतन लाल पर आरोप लगाते हुए कहा था कि शिवलिंग पर इसने विवादित टिप्पणी की थी। जिससे हिंदुओं की भावना आहत हुई थी।
Gyanvapi Maszid case: रतन लाल की गिरफ्तारी के विरोध में SFI और AISA का विरोध प्रदर्शन
रतानलाल की गिरफ्तारी के विरोध में देर रात स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने साइबर पीएस, उत्तरी जिले के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और सड़क को भी जाम कर दिया। वहीं प्रो. के वकील ने इस गिरफ्तारी को नाजायज बताया है।
वहीं रतन लाल के वकील महमूद प्राचा ने गिरफ्तारी को लेकर कहा है कि उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया था। FIR में एक भी जगह इस बात का जिक्र नहीं है जिसे संज्ञेय अपराध कहा जाए। इसके बावजूद, आईपीसी की धारा 153ए और 295ए के तहत गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। पुलिस के पास इसका अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा गिरफ्तारी भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना है और अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3 का उल्लंघन है। हम उनकी बेगुनाही साबित करेंगे। इस गिरफ्तारी का और विरोध होना चाहिए।
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर DU के प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत रतन लाल ने फेसबुक पर एक लिंक साझा करते हुए लिखा, “यदि यह शिव लिंग है तो लगता है शायद शिव जी का भी खतना कर दिया गया था। साथ ही पोस्ट में चिढ़ाने वाला इमोजी भी लगाया है।
How can we tolerate such nonsense from a professor @dpradhanbjp ji?
Coming from a professor makes it more ridiculous bcz he can influence hundreds of innocent students.
Strict action needed @DelhiPolice @HMOIndia pic.twitter.com/FlTqaj8DL0
— Mr Sinha (@MrSinha_) May 17, 2022
Gyanvapi Maszid case: रतन लाल से पहले मोहम्मद अंसारी भी हो चुका है गिरफ्तार
रतन लाल की गिरफ्तारी के बाद से पहले यूपी में मोहम्मद अंसारी भी जेल पहुंच गया था उस पर भी शिवलिंग को लेकर विवादित टिप्पणी का आरोप है। वहीं मोहम्मद अंसारी ने भी शिवलिंग को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा था कि “अगर लिंग ही पूजना है तो पत्थर का क्यों? हम मुल्लों का क्यों नहीं?
मोहम्मद अंसारी का सोशल मीडिया पर दीपक शर्मा ने मुंहतोड़ जबाव देते हुए कहा था कि “मो. अंसारी बोला था ना, महादेव के भक्तों से मत उलझ बताया भी था कि दीपक नाम है हमारा, पर तू नहीं माना, अब भुगत, धारा 295,153,505, और IT एक्ट ब्याज में, SP साहब धन्यवाद इस जाहिल को इसकी सही जगह पंहुचाने के लिए।”
मो. अंसारी
बोला था ना, महादेव के भक्तों से मत उलझ✋बताया भी था कि #दीपक नाम है हमारा, पर तू नहीं माना, अब भुगत, धारा 295,153,505, और IT एक्ट ब्याज में, SP साहब धन्यवाद इस जाहिल को इसकी सही जगह पंहुचाने के लिए || @ambedkarnagrpol @dgpup @TheUP70 pic.twitter.com/QEXHYtpdWr
— DeePak SharmA (@TheDeepak2020In) May 19, 2022
आप को बता दें कि बजू का स्थान वो है जहां पर वीडियो सर्वे के दौरान गत सोमवार 16 मई को 12 फुट लंबा शिवलिंग मिला था। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर का 16 मई को तीसरा और अंतिम दिन का सर्वे अधिवक्ता आयुक्त (advocate commissioner) अजय कुमार मिश्र की अगुवाई में पूरा हो गया था। 17 मई को वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में पेश की जानी थी। लेकिन,अधिवक्ता आयुक्त अजय मिश्रा ने कोर्ट से दो दिन की मौहलत मांगी थी जिसको वाराणसी कोर्ट ने मान लिया था।